Book Title: Nibandh Nichay
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

View full book text
Previous | Next

Page 293
________________ निबन्ध-निचय आधुनिक दिगम्बर विद्वान् भट्टारक वीरसेन स्वामी का सत्तासमय विक्रम की नवमी शती में रखते हैं । तब भट्टारकजी स्वयं धवला टीका में "तिलोय पण्णत्त, तिलोयसार" आदि ग्रन्थों के नाम निर्देश करते हैं । "तिलोयपण्णत्ति" बारहवीं शती के पूर्व का सन्दर्भ नहीं है और “तिलोयसार' इससे भी अर्वाचीन ग्रन्थ है । इस स्थिति में "धवला" में इन ग्रन्थों का नाम निर्देश होना क्या रहस्य रखता है, यह प्रश्न विचारकों के लिए एक समस्या बन जाती है । इसके अतिरिक्त "धनञ्जय नाममाला" एवं " गोम्मटसार" की पचासों गाथानों के उद्धरणों का धवला में मिलना भी कम रहस्यमय नहीं है । एक स्थान पर तो वीरसेन भट्टारकजी ने प्रसिद्ध दिगम्बर न्यायाचार्य भट्टारक " प्रभाचन्द्र" का नाम निर्देश भी किया है और "सिद्धि - विनिश्चय टीका" का उद्धरण भी दिया है । इन सभी बातों की समस्या दो प्रकार से ही हल हो सकती है, एक तो यह कि भट्टारक वीरसेन को ग्यारहवीं शती का माना जाय । दूसरा यह कि इनकी टीकाओं में जिन २ अर्वाचीन ग्रन्थों के अवतरण तथा अर्वाचीन ग्रन्थकारों के नाम आते हैं वे बाद में प्रक्षिप्त हुए माने जायें। इसके अतिरिक्त समन्वय का तीसरा कोई उपाय नहीं है । हमारी राय में आचार्य वीरसेन को नवमी शताब्दी का न मानकर ग्यारहवीं शती का मानने से ही सब बातों का समाधान हो सकता है । २७६ : धवला टीका की प्रशस्ति जिसकी चर्चा ऊपर कर आये हैं, वीरसेन के समय पर स्पष्ट प्रकाश नहीं डालती, न उसमें दिये हुए राजाओं के नामों से ही समय की सिद्धि होती है । यह प्रशस्ति स्वयं उलझी हुई है । इसके भरोसे पर ग्रन्थकार को पूर्वकालीन ठहराना किसी प्रकार सिद्ध नहीं हो सकता । धवला के अन्तर्गत दूसरे भी अनेक शब्दप्रयोग ऐसे मिलते हैं कि जिनसे ग्रन्थकार ग्यारहवीं शताब्दी के पूर्ववर्ती सिद्ध नहीं हो सकते । षट् खण्डागम के माने जाने वाले सूत्रों को वीरसेन ने "सूत्र” तथा "चूरिंग" इन दो नामों से निर्दिष्ट किया है । परन्तु हमारी राय में इनको "चूरिंग" कहना ठीक नहीं जँचता, क्योंकि “चूरिंग" एक प्रकार की टीका मानी गई है और टीका गद्य अथवा पद्यबद्ध ग्रन्थों के ऊपर बनती है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358