Book Title: Nibandh Nichay
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor
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निबन्ध-निचय
अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पं० खोचड़ी खीचड़ी ४१ १ कीडी कोडी ४१ १५ वर्ष वर्षों वों वर्षों पट्ट पट्ट ४२ २६ प्रचिलत प्रचलित ४३ टिल टल ४३ ८ टिल टल ४३ ।। इलाक श्लोक ४३ १६ चतुर्विशति चतुर्विंशति ४३ १७ हुए ने हुए वे ४४ खन को खन की ४४ १९ होते होता ४४ २३ पइट्टियु पइट्ठिउ ४५ उ स य उ सा य ४५ झना भता किरिटो किरिटी ४६ १७
बारह परिपारि ४७ ११ प्रची प्राची ४७ १२ स्थान स्थानों हता हताः ४८१ सत्तर सत्र ४८ १८ कुरुकुल कुस्कुला ५० ३ कुरु कुरु ५० ८ ही श्री ह्रीं श्रीं ५० २४ हीं ह्रीं ५० २७ कीति कीति ५१
अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पं० प्राम प्रामा ५१ २२ वक्र चक्र ५२६ प्राम्भिक प्रारम्भिक ५२ वारूण वारुण ५३ १ म्बिल ती म्बिल की ५३ १७ है, कि है, न कि ५३ वह यह ५४ १५ पदी पद ५४ माहत्म्य माहात्म्य ५६ पदाथो पदार्थी ५७ १ निन्द्यादि निन्द्वादि. ५७ साधता साधना ५७७ सम्यक् सम्यक्त्व ५८ २ सिद्ध सिद्धसेन घोपण घोषणा ५६ १८
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पन्यासों पन्यासों ६२ ७ पन्यासों पंन्यासों घटानों घटनाओं गुरू गुरु ६३ ६ जुदे जुदा रण क्ते रण से ६३ १६ पार्टो पार्टी ६३ १८ गुरू गुरु ६४ १२ गुरू गुरु ६४ १४ गुरू गुरु ६४ १६ गुरू गुरु ६५ ११ बुतान्त वृत्तान्त ६५ १३
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