Book Title: Nibandh Nichay
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

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Page 352
________________ शुद्धि पत्रक : अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पं० अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पं० भट्टी भट्टी ३२ सम्यक् सम्यक ३६१ सता सत्ता ३ २६ चरित्र चारित्र ३६१ वृत्ति वृत्ति १ यन्त्रों मन्त्रों ३६ १५ चाय चार्य ८ १३ चरित्र चारित्र ३७ १ अनुष्टुप अनुष्टुप् ६ चिनेभ्यः जिनेभ्यः ३७६ भाषा में भाषा के गुरू गुरु ३७ ७ वृतान्त वृत्तान्त १० गुरू गुरु ३७ ८ विपिक्ष विधिपक्ष ११ २१ करों करो ३७ पही नहीं १३ प्रतिष्डित प्रतिष्ठित ३७ . पतगृह पतद्ग्रह १४ २६ उज्जवल उज्ज्वल ३७ रजोहर रजोहरण १५ १० जिर्जरा निर्जरा ३७ १६ जाहिर जाहिरात २३ हींकार ह्रींकार ३७ २१ भक्ति शक्ति २५ ८ गुरू गुरु ३७ २३ लभ का लभ को २५ १० गुरू गुरु ३७ २५ जागो जीर्णो २८ ४ प्रज्ञध्या प्रज्ञप्त्या ३७ २७ कर कर २८ निदिष्ट निर्दिष्ट ३८ १० बिम्बों बिम्बों के २६ पैत्रिक पैतृक ३८ शिलशिला २६ १० सांक्षिप्त संक्षिप्त ३८ १६ उत्तेजिन उत्तेजित ३० २२ वेढिका वेदिका ३८ २१ अस्थिर अस्थि ३१ २३ पुकार प्रकार ३६ २३ किसो किसी ३४ । संविन्ग संविग्न ४० १६ 0 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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