Book Title: Nibandh Nichay
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

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Page 332
________________ निबन्ध-निचय : ३१५ वर्ष होना कम है । प्राचार्य जिनसेन की गुर्वावली के हर नाम गुरु शिष्य क्रम से मान लिये जायें तो भी इनके सत्ता-समय के वर्ष प्रति पोढ़ी २५ मानने पर भी ८०० मानने पड़ेंगे । ६८३-८००-१४८३ होंगे, इनमें से ४७० वर्ष बाद देने पर शेष १०१३ रहेंगे और इस परिपाटी से भी पुन्नाट संघीय प्राचार्य जिनसेन का ससा-समय विक्रम को ग्यारहवीं शती का प्रथम चरण ही सिद्ध होगा । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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