Book Title: Neev ka Patthar
Author(s): Ratanchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ मेरी तो ऐसी भावना होती है कि - ऐसी कृतियाँ कम से कम मूल्य में न केवल घर-घर में; बल्कि जन-जन के हाथों में होना चाहिए और न केवल एकदो बार, वरन बारम्बार पठन-पाठन में आना चाहिए। एतदर्थ लेखक का जितना भी आभार माना जाये कम हैं। विशेष हर्ष का विषय यह है कि अब लेखक की पाठकों तक सीधी पहुँच हो गई है। उनका साहित्य इतना लोकप्रिय हो गया है कि उसके प्रचार-प्रसार के लिए हमें कुछ भी श्रम नहीं करना पड़ता। अब तो उनके नाम से ही पाठकों की मांग आने लगी है। पाठक स्वयं पढ़ते हैं और अपने मित्रों, परिजन-पुरजनों एवं साधर्मीजनों को भी पढ़ने के लिए भेंट में देते हैं। नींव का पत्थर कृति की प्रस्तावना संस्कृत साहित्य के प्रकाण्ड विद्वान, श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी के पूर्व कुलपति पद्यश्री महामहोपाध्याय डॉ. सत्यव्रतजी शास्त्री ने लिखी है। इसके लिए संस्था उनका हृदय से आभार मानती है। प्रस्तुत कृति को जन-जन तक अल्पमूल्य में पहुँचाने हेतु जिन महानुभावों ने अपना आर्थिक सहयोग प्रदान किया है, ट्रस्ट की ओर से हम उनका हार्दिक आभार मानते हैं। कृति को आकर्षक कलेवर में प्रस्तुत करने का श्रेय प्रकाशन विभाग के मैनेजर श्री अखिल बंसल को जाता है; इसके लिए उन्हें हार्दिक धन्यवाद। लेखक दीर्घायु हों और इसी तरह नये-नये विषय पाठकों को परोसते रहें, यह मंगल कामना है। - ब्र. यशपाल जैन प्रकाशकीय : तृतीय संस्करण हमने कल्पना भी नहीं की थी कि इस कृति को इतने जल्दी पुनः प्रकाशित करना पड़ेगा। आपको यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि प्रस्तुत कृति का पाँच हजार का प्रथम संस्करण मात्र पाँच माह तथा द्वितीय संस्करण चार माह में ही समाप्त हो गया है और निरन्तर माँग बनी हुई है। अतः यह तृतीय संस्करण प्रकाशित करते हुए हमें हार्दिक प्रसन्नता है। कृति की उत्कृष्टता एवं लोकप्रियता का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है। ऐसी उत्कृष्ट कृति के लिए हम लेखक के प्रति पुनः पुनः कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। - ब्र. यशपाल जैन, एम.ए. प्रकाशन मंत्री, पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 65