Book Title: Nandisutt and Anuogaddaraim
Author(s): Devvachak, Aryarakshit, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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मूलसड़ो
उद
उदकं
उदग०
उद्गबिहुँ
उड़गमच्छा
उदगावत्तं
[कुमारे]
उदय
उदयनिणे
उदयिए
उदये
उदरं
[मारा ]
[कुमारे]
उदयम्मि
उदू
उद्दामगा
० - उद्दामं
उद्दामा उहि सिजंति
उहिस्संति
उद्देगसंखा
उसगा
उद्देगो
उड़ेसा
उसे
उद्देसो
उद्धार०
सक्कत्थो
उदयेन
उदकम्
उदक
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२३१
पृ. २०२ टि. ७
उदकबिन्दुम् ३४३[५]
उदकमत्स्याः
२४९
उदकावर्तम् ३४३ [५] उदधि[कुमारः ] २१६ [१३] उदयः पृ. ११३टि. ४
उदय निष्पन्नः
२३४,
२३६,५३८ २५४
पृ. ११३ टि. ४
२९५
औदयिकम्
उदयः
उदरम्
उदधिकुमाराः
बीयं परिसिg - सद्दाणुकमो
सुत्तंकाइ
मूलसहो
२३५ उद्धारसमया
उद्धारसागरी
वमस्स
पृ. १६५टि. १
उदधि[कुमारः ]
पृ. १०२टि. १
पृ. ६३टि. १२
उदिते
ऋतुः
उद्दामकाः उद्दमम् २६२[३]गा.६७
उद्देशकसङ्खया
उद्देशकाः
उद्देशकः
२०२[२] पृ. ६४ टि. ३
उद्दमाः
२२
उद्दिश्यन्ते पृ. ५९टि. २
उद्दिश्य
२
४९४
६
६
पू. ६० टि. ३-४
उद्देशाः
उद्देशः
६०४गा.१३३
उद्देशः २,३,४,५,पृ.६० टि. ३-४ उद्धार ३७६, पृ. १५१
टि. १३
उद्धारपलि
उद्धारपल्योपम
३७५
ओवम० उद्धारपओिवमे उद्धारपल्योपमम् ३६९, ३७०,३७२तः ३७४, ३७६
उद्धारे
उद्धारेणं
उद्धारो
उन्नामियए
उपक्रम
उप्पण्णणाण
दंसणवरे
उप्पण्णणाण
दंसण व रेहिं
१० - उप्पण्णो
O
- उप्पत्ति
उप्पन्न ०
० - उप्पन्नो
- उप्पल
उप्पल०
उप्पलं
उप्पलंगे
उप्पले
उपायं
- उप्पिच्छं (दे०)
- उपित्थं (दे०)
उभओकालं
उभतोकालं उम्मग्गे
- उम्माण
उम्माणजुते
उम्माणपमाण०
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सक्कयत्थो
उद्धारसमयाः
उद्धारसागरो
उद्धारः
उद्धारेण
पमस्य ३७२गा. १०७,
३७४गा. १०८, ३७६,
३७५,५०८
उन्नामितकः
उपक्रम
उत्पन्नज्ञान
३७६
उद्धारः पृ. १५१टि. १२,
पृ. १८९ टि. १
२७०
५३३
दर्शनधरः
उत्पन्नज्ञान
३१९
सुत्तकाइ
३७६
दर्शनधरैः ४६९
उत्पन्नः २६२[६]गा. ७२ उत्पत्ति २६२[४]गा.६८
२४४
उत्पन्न
उत्पन्नः २६२[९]गा.७८
उत्पल
२०
उत्पल - एतन्नामक द्वीपसमुद्रार्थे १६९गा. १३
उत्पलम् पृ. १७५ टि. १ उत्पलाङ्गम्-कालमान
विशेषः
उत्पलम् - कालमान
२०२ [२], ३६७, ५३२
उन्मानयुक्तः
उन्मानप्रमाण
५०
विशेषः २०२ [२],
३६७,५३२
उत्पातम् ४५३, ४५७ त्रस्तम् २६०[१०]गा.४७ त्रस्तम् पृ. ११९ टि. १६
उभयकालम् २२, २८
उभयकालम् पृ. ६५टि. २ उन्मार्गः
५२५[३] ३३४गा. ९६
उन्मान
३३४
३२३
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