Book Title: Muni Ki Raksha Author(s): Moolchand Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 7
________________ सुबह महाराज श्रीवर्मा तक समाचार पहुँचातो वे निरीक्षण करने पहुंचे। MHALM.. उन्होंने मुनिराज से बार-बार क्षमा याचना की... मंत्रियों को दरबार में लाकर रखबर ली। पहले उनका मुण्डनकराया,फिर देश से निकाल दिया। कई माहों तक भटकने के पश्चात वे चारों हस्तिनापुर के राजा पद्म की शरण में पहुँचे पदम के पिता महापदम पहले से ही राज्य त्यागकर दिगम्बर मुनि हो गये थे,छोटे भाई विष्णुकुमार जी भी उनके साथ नहीं रह सके और वेभी दिगम्बर मुजि कान गये थे। फलत: राजा पदम अपने को अकला और दुर्बल अनुभूत करते थे। चारों मंत्रियों कीवाली सेवे प्रभावित हुये और उन्हें अपनेदरबा में मंत्रियों के विविधपद प्रदान कर दिये।।Page Navigation
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