Book Title: Mantraraj Rahasyam
Author(s): Sinhtilaksuri, Jinvijay
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan
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मन्त्रराजरहस्यम् ।
[ १०१ २. महाविद्यापीठम्___ "ॐ नमो भगवओ वाहुबलिस्स पण्हसमणस्स महापण्हसमणस्स सयबलवीरियस्स महायलस्स जोहपरकमस्स मल्लस्स महावाहस्स महाबलविकमस्स सिज्झउ मे भगवई महइ महाविज्जा स्वाहा ॥"
बाहुबलीमहाविद्यापीठं द्वितीयम् ॥ २ ॥ २. महाविद्या" वग्गु वग्गु निवग्गु निवग्गु सुमणे सोमणसे स्वाहा ॥"
महाविद्यैव ॥ ३ ॥ ३. उपविद्या
(१) "3 इरिकालि किरिकालि गिरिकालि पिरिकालि सिरिकालि हिरिकालि आयरियकालि स्वाहा ॥४॥" ___ (२) “ॐ इरियाए किरियाए गिरियाए पिरियाए सिरियाए हिरियाए आयरियाए कालिकालि महाकालि स्वाहा ॥४॥"
उपविया ॥ ४ ॥ ४. मन्त्रपीठम्___ "ॐ इरिइरिकालि किरिकिरिकालि गिरिगिरिकालि पिरिपिरिकालि सिरिसिरिफालि हिरिहिरिकालि आयरियकालि स्वाहा ॥ ५॥"
मन्त्रपीठम् ॥ ५ ॥ सप्तमेरवः
१" ॐ हीं श्री इरिमेरु नमः। २ ॐ ह्रीं श्री किरिमेरु नमः। ३ ने ह्रीं श्री गिरिमेरु नमः । ४ ॐ ह्रीं श्रीं पिरिमेरु नमः। ५ ही श्री. सिरिमेरु नमः । ६ ही श्री हिरिमेरु नमः । ७ ॐ ह्रीं श्री आयरियमेरु नमः ।।" पूजायां 'स्वाहा' ॥ ७ सप्तमेरवः ।।
मस्थानपञ्चकेऽपि पूजायां 'स्वाहा', जापे 'नमः ॥
श्रीराजगन्छीयश्रीहंसराजसूरीगा प? श्रीविजयप्रभसूरोणा गुरक्रमागत श्रीसूरोणा मन्त्र, नित्यस्मरण वार २१ ॥8॥

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