________________
fo
वासर्वदा
चासंसंज्ञाखेवार सवे सिंचनं दहवां ॥२४॥ वार देवता सर्व समचोरस से शानते महेसराय चवरंसान मनुष ने निर्देचन' उस स्थान से तर तिरियु से संताल || ॐमक संस्थान (विला नेनरिकाने बे॥१२॥ ऊँमा दिग] जिंटनेर ईप्रा ॥ १२॥ नानाप्रकारे धजते येता का सुईनो समुद नासा विदध्यई। परपोटो वनस्पति वायु अग्ना पकाने
कारण।
बुबुवा वा तेन पृथकायतें आईमसूर तer से मानें
पदविमसूरचंदा।।
प्राकारें संस्थान' के अंबे ॥ १३॥ धार५॥ कार संतान भलिप्राश्वा ॥