Book Title: Mantradhikar
Author(s): Ahmedabad Vidyashala
Publisher: Ahmedabad Vidyashala
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तोहेपण तेलल्लाने नाचतोदाममातोनया
गवंताजनेजनेश्वरयाणे | तीनयाश्रीयं ॥ ॥ दरिदंतएकएजार्यकारीभदो
सनकातरलकेवल मोकहेउमा|| |मोर्ख नुमुलहे।'
किंबहलिदमेव केवलमहो॥ | सहोरिलशिका | || हिमोकलमीनासाईमंगलीकनाएका मभंगतीककारार्थनाकरूळाही ! तोड़करतारापानांप्ररलाकरहिया गजएायूँ॥२॥
श्रीरत्नाकर गलैकलिलयं श्रेय स्कार्थये ॥२५॥
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॥तिरलाकरपवासासमाa:ujl
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