Book Title: Mantradhikar Author(s): Ahmedabad Vidyashala Publisher: Ahmedabad Vidyashala View full book textPage 284
________________ ૨૩૬ बजयां बज्यो दिवस मां ॥ जईम सुहगुरु दिन॥ लोचन बे विकसी रहा ।। ही प्रम56 ||१३|| हौ ते निजिन को हो । चूहों माणो परा जिन महोते निरक्रियामाया ।। महौलो हो दसी की ॥१४॥ होते व साज।। होते सामहं ॥ होते उन्नमा खेती होते मुनिझमा ॥१॥ इहंसिनसमोभते ॥ एवा हो हिसिन नमो ॥ जोगुल मुत्तमं वाणं ॥ सिहिं गन्नु सिनीर ॥१६॥Page Navigation
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