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भरत क्षेत्रना' प्रमादमे कराने भागाकारक राई एकला तूनें'
भरद रमाए भाईए' लरके।" अथवा एक नोनेने वई गुलो"५२६-६ अहवानस गुण। गुलो भरत क्षेत्रना' प्रमोशासाठी तो होय एकताख॥ ३॥ भरतपमाएं हवई नरकं ॥ ३॥ अर्थधक व वातु भरत क्षेत्र पर है जो जन ६ कला ग्रह विगनेभरहे !! बेखमूया तो हमवते पर्वतने हेमवंत क्षेत्र भारतु
ਵੇਖੋ ਸਹੁਰੇ ਸਭ ਹੈ॥
रेखा
महादीपर्वत पर्वतनां मह महाहिमवंते || सोल खांपूवं तुहेर वर्ष क्षेत्र ॥४॥ सोल संखमा ईदवा से ॥४॥