Book Title: Majernamu
Author(s): Gyansundar
Publisher: Ratna Prabhakar Gyan Pushpmala

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Page 18
________________ ११४ श्री निशीथ ११५ श्री आचारांग ११६ श्री महानिशीथ ११७ श्री बृहत्कल्प ११८ श्री आचारांग १९९ श्री दशाश्रुतस्कंध १२० श्री निर्यावलीका १२१ श्री ज्ञाता १२२ श्री समवायांग १२३ श्री दशवैकालिक १२४ श्री निशीथ १२५ श्री रायपसेणी १२६ श्री दशवैकालिक १२७ श्री सूयगडांग १२८ श्री बृहत्कल्प १२९ श्री निशीथ १३० श्री निशीथ १३१ श्री बृहत्कल्प १३२ श्री स्थानाङ्ग १३३ श्री उत्तराध्ययन १३४ श्री स्थानाङ्ग १३५ श्री उत्तराध्ययन १३६ श्री भगवती १३७ श्री उत्तराध्ययन ( १८ ) Jain Education International "9 " "" " " " " , "" 34 " "" " "" " " " ܕܙ >9 "9 " "" ܕܙ ܕܕ 27 १५ १५ १५ १५ १५ १५ १५ १५ १६ १७ १७ १७ १७ १७ १८ १८ १८ १८ १८ १८ १८ १८ १९ १९ For Personal & Private Use Only १३ १५ २३ २४ २५. २५. ११. १. 6. N ७ ८ १४ १ १ ५. www.jainelibrary.org

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