Book Title: Mahavir 1934 08 to 12 Varsh 01 Ank 05 to 09
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan

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Page 71
________________ ( ६ ) * श्री * श्री पंचों ने विनंति पत्र सिद्ध श्री महाशुभस्थानं विराजमान अनेक शुभोषमा लायक साहाजी श्री पंचा समस्यारी योग्य सेवामें लिखतु श्री मुंबई सु श्री पोरवाल ज्ञाति सुधारक मण्डलरी जै श्री केसरीयानाथजीरी बंचावसीजी, अप्रंच इण पत्र साथै 'सामाजिक रिवाज परिवर्तन' पत्रिका १ ली भेजी है, सो इसरो अमल दरामद आपने पहुंचतोहीज होजाखो जरूरी है, आप श्रीमानाने अच्छी तरह सुं विदित हैं के, समयरा पलटा सुं आपणी समाज कन्या- विक्रय आदि सामाजिक कु-रिवाजांरे कारण नाना प्रकाररा दुःख सहन कर रही है. इ आफत सुं बचणरे वास्ते कई किस्मरा उपाय लिया है, मगर भाज दिन तक सफलीभूत नहीं हुवा । अब व्यापाररी दुर्दशा देखतां आपणी समाज में बढ़ियां हुआ फजुल खर्चा दिन प्रति दिन बढ़ता ही जावे है सो भी एक समाजरा घातक समान है, इतरोहीज नहीं, निभावणा भी मुश्किल हो गया है। जिससुं तात्कालिक कमती कर वास्ते आ एक छोटीसी योजना, अठे एक मण्डल मुकरर कर तैयार किवी है ने और भी बहुतसा छोटा-बड़ा सुधारा करणरी जरूरत है सो भो मंडळ सामाजिक सुधारोंरे वास्ते हरदम कटिबद्ध रेवेला । योजना मारवाड़ मेंईज साराई गाँगांरा पंचाने भेळा कर तैयार करणी जरूरी थी, पीण आपने वाकिफ है, के मारवाड़ में इतरा गांव इकट्ठा करणा बोत मुश्किल है. और पणा कुल गांवांवालोरी दुकांनां अठे होकरण सुं ने भो काम आसानि सुं तह होवणारी सुरत देख आ योजना तैयार किनी है। है इण पत्रिका में सात गांवांरा मेम्बरांरा नांम छपचुका है ने कितराईक गांवांरा मेम्बरांरा नांम मां रे कने आए गया है तथा कितराईक गांवांस ग्रांम भावणा पत्रिका में नहीं छपीया है, सो साराई नांम अमां सुं मिलसिलावार लिस्ट तैयार कर आपरी सेवा में भेज देवला, साथ साथ आपने अर्ज है के आपरा गाँवरी मुंबई में दुकांनो हुवे उणां महेितुं योसेम्बरोरा नांम मुकरर कर भेज दिरावो तो बहुत ठीक रेवेला !

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