Book Title: Mahavir 1934 08 to 12 Varsh 01 Ank 05 to 09
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
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ठहराव ३ जो सकपणरे वक्त, सोनारो जेवर तोला ३५ सुं अधिक चढ़ावे नहीं, चादीरो जेवर तोला २०० मुं अधिक नहीं चढावे । _ खालिस रेशमरो घाघरो नहीं चढावे और कोई किस्मरो घाघरा उपर गोटो लगावणो नहीं।
ठहराव ४ थो कोयली, राखडी वो दिवालियांरा घेवर, रमकडा और मिठाई मेजणी नहीं।
ठहराव ५ मो लड़की ने फूल पेरायोरे बाद सासरावाला खुशी आवे जितरो जेवर भेज सके हैं, मगर कपडो में कर जोडी समेत रेशमी घाघरा और गोटारा घाघरा शिवायरा च्यार वेशसुं अधिक भेजे नहीं तथा मेवो शेर सवा पांच पको, शकर या गुड़ शेर अढाई पकी और नालेर कुंडम मोळी वगैरे, आगे गेणारा पावणा नहीं गया हुवे तो जावे जद साथ ले, ने जावे। जो आगे पावणा जा चुका हुवे तो शिर्फ दोय जणा जाएने दे भावे । .
ठहराव ६ ठो . विणाग और बांनोलियां रो रिवाज, पोत पोतारा गांवों में है जिण माफिक कायम है।
ठहराव ७ मो
जान जावणरी बाबद। (क) कुँवारी बळ मांडावाला जान वालोने जिमावे । (ख) दुजे दिन सुबह भी, मांडावाला जानवालोने गोला रोठारी बळ
जिमावे तथा उणिज दिन संजियारा सिंदोरो करे। जो गांव चांको
करणो हुवे तो इणरे साधे करे जिमण में लापसी शिवाय हर कोई ... कर सकेला।
(ग) बर-रोटी करणी नहीं।