Book Title: Mahavir 1934 08 to 12 Varsh 01 Ank 05 to 09
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan

View full book text
Previous | Next

Page 82
________________ वो इण रिवाजोरे माफिक बर्ताव करणरी कोशिश करणी मगर नहीं माने तो पबारे रिवाज, माफिक वर्तलेणो। . ठहराव १७ मो. रख ठहरावोरे विरुद्ध वर्तपी तो साराई गांवारा पंचोरो कुरवार होसी । ठहराव १८ मो. इण ठारावों में कोई सुधारो वधारो करावणो होवे तो मंडलरा नामसुं पत्र मवहार करेसो मंडल सुधारो-वधारो करावणरी कोशिश करेला कोई एक गांव बाला एकलाहिज इणमें फेर-फार करे नहीं। ठहराव ११ मो. इण ठहरावों ने छपाएने प्रसिद्ध कर देवे । योजना तैयार करणवालोरा दस्तखत । शा. रिखबाजी दोलाजी. " चेनमलजी हीराजी. " भिखाजी भगाजी. " फौजमलजी उदयचंदजी. " नथमलजी जेठाजी.. , वरदिचंद किशनाजी. , हजारीमल चंद्रभाणजी. , हीराचंद चंदाजी. , लालचंद प्रेमचंदजी. " खेतमलजी ताराचंदजी. ., ताराचंद प्रेमचंदनी. उपरोक योजना सर्व सम्मति सुं मंजूर हुई । मोद-इण मीटिंग में डोरारी रकम मुकर्रर करणे वास्ते सवाल पैदा हुवो थो, मगर जो विषय घणां गांवांसुं ताल्लुक राखे है सो घणा गांवारी एक मीटिंग ता. ४-२-३४ ने होवेला जिण दिन पेश कर दीयो जावेला । इणरे नीचे उपरोक्त दर्शाया हुवा गांवावालारा करीब ७० जणारा दस्तखत है।

Loading...

Page Navigation
1 ... 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92