Book Title: Mahavir 1934 08 to 12 Varsh 01 Ank 05 to 09
Author(s): Tarachand Dosi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan

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Page 83
________________ (fat) विनंति पत्र प्रिय ज्ञातिबन्धुगण ! आपने सुविदित है कि आपणी समाजरा उत्थानरे वास्ते अनेक सामाजिक सुधारोंरी आवश्यकता है जिएसूं एक मंडल स्थापित कर था प्रथम की योजना तैयार किनी है और इसमें दर्शाया हुवा गाँवारे अलावा दूसरा गाँवों में भी मंजूर हो जागी जरूरी है. आप इण पर विचार कर आगामी ता. ४-२-३४ नें मिटिंग हुवेली उसमें पधार इण योजनानें मान्य राखण में पूरी मदद करावें, लि. - श्री. पो. ज्ञा. सू. मं. पण सर्व ज्ञाति भाईयोंरी मिटिंग. प्रिय ज्ञातिबन्धु गण ! इण पत्रिका आमंत्रणानुसार ता. ४ - २ - १६३४ ने श्री आदिश्वरजी महाराजरा सभाग पंचांरी धर्मशाला में आया सर्व ज्ञाति भाईओरी एक मिटिंग हुई. उद्य वक्त सामाजिक स्थितिरो दिगदर्शन कराए, पत्रिका ठहरावौरा असुल समझाया गया, मो सर्वसम्मत्ती सहर्ष मंजूर कर नीचे माफिक अधिक ठहराव हुवो. इस पत्रिकामें आगली मिटिंग में डोरारो सवाल बाबद एडो नोट लगायो है के ओ विषय घणा गांवांसुं ताल्लुक राखे है जिस सुं आगामी मिटिंग घया गांवारी हुवे जद पेश करणो. आज चोतालारा करीब सब गांव, याने देसूरी नारलाइसुं लगाए कोसेलाव, खिवांणदी, वांकली और शिवगंज विगेरे तक शामिल हो जावण सुं डोरारा रूपिया १०१) सुं अधिक नहीं लेखा देणा चाहिजे. पत्रिका ठहरावोरे नीचे सेवक ने भेज दस्तखत मंगाए पंचांने मारवाद विनंति पत्ररे साथ भेज देने.

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