Book Title: Mahabal Malayasundari Diwakar Chitrakatha 059
Author(s): Sanmatimuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 16
________________ महाबल मलयासुन्दरी महाबल-मलया जगलों में भटकते हुए चन्द्रावती नगरी के | दोनों ने यह बात सुनी तो चिंतित हो उठे।। समीपकेएकगाँव में आया वहाँ लोग बातें कर रहे थे स्वामी! अब सुना है कि राजा ने अपनी पुत्री मलया | क्या होगा? कुछ चिंता मत करो। सुन्दरी का स्वयंवर निश्चित कर दिया समस्या खड़ी होती है सोचिए। था। इसी बीच उसका अपहरण हो गया। तोसमाधान भी मिलता कहीं पता नहीं चला। इसलिए राजा-रानी ही है। धीरज रखो। दुखी होकर चितारोहण कर कल अपनी जान देने जा रहे हैं। महाबल एक ज्योतिषी कारूपधारण कर राजसभा में आया। राजा को चिंतित देखकरपूछा @OS गाँव के बाहर एक पुराना जीर्णदेव मन्दिर था। महाबल ने मलयाको उसमन्दिरकेएक कमरे में छिपा दिया। मलया! तुम यहीं पररुको। मैं नगर में जाकर पता स्वामी! मैं करता हूँ। आपका इन्तजार करूंगी। शीघ्र ही वापस आना। राजन् ! आप इतने चिंतित क्यों हैं? या LOOOC ज्योतिष्यवर ! मेरी पुत्री का किसी ने अपहरण कर लिया है। कल उसका स्वयंवर है। अब मैं क्या करूं? महाबल नगर की तरफ चल पड़ा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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