Book Title: Mahabal Malayasundari Diwakar Chitrakatha 059
Author(s): Sanmatimuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 19
________________ राजकुमारी भीतर से कुंडी खोलकर बाहर निकल आई। उसके हाथ में लक्ष्मीपुंज हार था। वह उसने राजकुमार के जले में डाल दिया। अरे ! हम क्षत्रियों के होते एक जोगी के गले में वरमाला डाल दी। यह तो हमारा अपमान है। 1000 नागार Joo 456 •महाबल मलया सुन्दरी धूमधाम से राजकुमारी मलया का पाणिग्रहण महाबल के साथ हो गया। Jain Education International सभी राजकुमारों ने तलवार खींच ली। तभी महाबल ने | जोगी वेष हटाकर अपना चेहरा दिखाया। अरे ! यह तो राजकुमार महाबल है। 100 17 For Private & Personal Use Only 00 सबको मार डालो। राजकुमार महाबल की जय ! | महाबल को देखकर राजकुमारों का क्रोध शांत हो गया। महाबल मलया के साथ विवाह कर अपने नगर को आ रहा था। तभी लोहखुर नाम के उसी दस्यु ने आक्रमण कर दिया, जिसने मलया का अपहरण किया था। आज किसी को मत छोड़ना ! पूरी खारात लूट लो... Cooper Sello m वाह ! राजकुमारी को तो मैं ले जाऊँगा। www.jainelibrary.org

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