Book Title: Mahabal Malayasundari Diwakar Chitrakatha 059
Author(s): Sanmatimuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 26
________________ •महाबल मलया सुन्दरी राजा रथ में बैठाकर मलया को नगर के बाहर उद्यान में स्थित महल में ले आया और बोला तुम यहाँ पर रहोगी। मैं तीन दिन का समय देता हूँ। मेरी बात मान लो, वर्ना फिर जबर्दस्ती करूँगा। Jain Education International YCC ww पुत्र वह मायावी राक्षसी थी। नरक्षिणी है। रानी कनकमाला के कहने पर सैनिकों ने उसे देखा है। मलया को वहीं नजरबंद करवाकर राजा चला गया। इधर युद्ध जीतकर महाबल जब नगर में वापस आया तो पता चला कि मलया सुन्दरी को गर्भवती हालत में मरवा दिया गया है। उसने राजा सूरपाल से पूछापिताश्री ! आपने मलया को किस अपराध की सजा दी है ? 20 Taar तीन दिन बाद राजा आया। मलया विवश थी। उसने चतुराई से जवाब दिया 24 राजन् ! मैं छह मास की आराधना कर रही हूँ। अतः मुझे इतना समय दीजिए। फिर तो आप ही मेरे आधार हैं। यह सुनते ही महाबल ने चीखकर कहामायाविनी मलया नहीं, यह कनकमाला ही है। आपने इतना नहीं सोचा जिस मलया जे चींटी की हिंसा को भी पाप समझा, क्या वह नरभक्षिणी हो सकती है ? a For Private & Personal Use Only ठीक है ! छह मास तक तुम्हारा इंतजार करूँगा। इससे आगे एक दिन भी नहीं। Jalo Joi 0 쉐 Tari ०००००००० 0000 www.jainelibrary.org

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