Book Title: Madhyam vrutti vachuribhyamlankrut Siddhahemshabdanushasan Part 01
Author(s): Kshamabhadrasuri, Ratnajyotvijay
Publisher: Ranjanvijayji Jain Pustakalay

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Page 4
________________ समर्पण परमोपकारी ! विचक्षणमतिमान् ! अनुशासन व निरतिचार चारित्र पालन कराने में अग्रेसर ! चारित्र चित्र को संगीन व रंगीन बनाने के मशहूर कलाकार ! पदार्थ प्रवीण ! प्रमाद प्रजेता ! कलिकुंड तीर्थोद्धारक ! आचार्यदेवश्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के कर कमलो में यह प्रकरण पुष्प समर्पित करता हुआ आनंद का आस्वाद पा रहा हूँ। ___- मुनि रत्नज्योत

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