Book Title: Lok Prakash Part 02
Author(s): Vinayvijay, Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 504
________________ (४७६) तिमैकात्र निश्चिता ॥ १६ ॥ तथोक्तमावश्यकचूर्णी'जिणपडिमाणं पुरन दो दो नागपडिमान, दो दो जकपमिमान, दो दो ऋषपमिमान, दो दो कंडघरपमि: मान ' इत्यादि. दामानि धूपघट्योऽष्टौ । मंगलानि ध्वजास्तथा ॥ भांति षोमश कुंभादी-न्येष्वलंकरणानि च ॥ १७ ॥ घंटावंदनमालाश्च । भंगाराश्वात्मदर्शकाः ॥ सुप्रतिष्टकचंगेर्य-खत्रैः पटलकैयुताः ॥ १७ ॥ युग्मं ॥ स्वर्णचारुरजोयुक्त-वालुकानिमनोरमाः ॥ मयस्तेषु राजते । बने धारण करीने रहेली . ॥ १६ ॥ तेमाटे श्रावश्यकनी चूर्णिमां कडं ने के– जिनप्रतिमानी बागल वे बे नागप्रतिमा, बे बे यदप्रतिमा, बे बे जूतप्रतिमा अ ने बे बे चामरधरोनी प्रतिमान ने ' इत्यादि. पाठ पुष्पमाला, धूपघटी, मंगल तथा महाध्वजो शोमे , तेम ते मां कुंनादिक शोळ यानुषणो .॥ ॥ १७॥ वळी घंटा, वंदनमाला, जारी, अरिसा तथा उत्र अने पटलोसहित उत्तम चंगेरीनं . ॥ १७ ॥ युग्मं ॥ नमदी सोनेरी रजवाळी वेळुथी मनोहर थयेली तेनी, मिज जाणे मूर्तिमान शोभाना लवोवाळी होय नहि

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