Book Title: Lok Prakash Part 02
Author(s): Vinayvijay, Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 536
________________ (52) तस्य वंशमणिसामजिदाहो / राजमान्य व वारिधिदेशः॥ रत्नमौक्तिकमणिप्रकराव्यो ऽत्राभवत्सुकमलापरिवृत्तः // 3 // हंसराज इति नामतोऽनवत् / तस्य सूनुरमितैर्गुणैर्युतः // जैनशास्त्रवखारिधी मनो। मीनतामनजदस्य सर्वदा // 4 // रचितस्तस्य पुत्रेण / हीरालालानिधेन च // ग्रंथस्यास्य मया द्यर्थः / स्वल्पो गुर्जरभाषया // 5 // या ग्रंथ श्रीजामनगरनिवासी पंडित श्रावक हीरा. लाल हंसराजे स्वपरना श्रेयमाटे पोताना श्रीजननास्क रोदय गपखानामां गपी प्रसिक कर्यो ने.

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