Book Title: Kuvalayamala Part 1
Author(s): Udyotansuri, A N Upadhye
Publisher: Bharatiya Vidya Bhavan

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Page 13
________________ मेरुतुज्ञाचार्यरचित प्रबन्धचिन्तामणि मूल संस्कृत ग्रन्थ. २ पुरातनप्रबन्धसंग्रह बहुविध ऐतिह्यतथ्यपरिपूर्ण अनेक निबन्ध संचय. ३ राजशेखरसूरिरचित प्रबन्धकोश. ४ जिनप्रभसूरिकृत विविधतीर्थकल्प. ५ मेपविजयोपाध्यायकृत देवानन्द महाकाव्य. ६ यशोविजयोपाध्यायकृत जैनतर्कभाषा. ७ हेमचन्द्राचार्यकृत प्रमाणमीमांसा. 4 भट्टालदेवत ९ प्रबन्धचिन्तामणि- हिन्दी भाषांतर. १० प्रभाचन्द्रसरिरचित प्रभावकचरित. SINGHI JAIN SERIES Works in the Series already out. * अद्यावधि मुद्रितग्रन्थनामावलि ॐ सिद्धिचन्द्रोपाध्याय रचित भानुचन्द्रगणिचरित १२ यशोविजयोपाध्यायविरचित ज्ञानबिन्दुप्रकरण. १३ हरिषेणाचार्यकृत बृहत्कथाकोश. १४ जैन पुस्तकप्रशस्तिसंग्रह, प्रथम भाग, ११ हरिभद्रसूरिविरचित धूर्ताख्यान. ( प्राकृत ) १६ दुर्गदेवकृत रिष्टसमुच्चय. ( प्राकृत ) १७ मेघविजयोपाध्यायकृत दिग्विजयमहाकाव्य. १८] कवि अब्दुल रहमान सन्देश सक. (अप) 2 Shri Bahadur Singh Singhi Memoirs Dr. G. H. Bühler's Life of Hemachandrāchārya. Translated from German by Dr. Manilal Patel, Ph. D. स्व. बाबू श्रीबहादुरसिंहजी सिंधी स्मृतिग्रन्थ [ भारतीयविद्या भाग ३] सन १९४५. Late Babu Shri Shri Bahadur Singhji Singhi Memorial volume. BHARATIYA VIDYA [Volume V] A. D. 1945. Literary Circle of Mahamatya Vastupala and its Contribution to Sanskrit Literature. By Dr. Bhogilal J. Sudesara, M. A., Ph. D. (S.J.S.33.) 4-5 Studies in Indian Litary History. Two Volumes. विविधगच्छीय पट्टावलि संग्रह. २ जैनपुस्तकप्रशस्तिसंग्रह, भाग २. ३ विशसिंह विज्ञप्ति महालेख विज्ञप्ति त्रिवेणी आदि अनेक विज्ञप्तिलेख समुच्चय. Jain Education International Works in the Press. संप्रति मुद्यमाणग्रन्थनामावलि १९ भर्तृहरिकृत शतकत्रयादि सुभाषितसंग्रह . २० शान्याचार्यकृत न्यायावतारवार्तिक-वृत्ति. २१ कवि वाहिलरचित पउमसिरीचरिउ ( अप० ) २२ महेश्वरस्कृित नाथपंचमी कहा. (प्रा० ) २३ श्रीभद्रबाहु आचार्यकृत भद्रबाहु संहिता. २४ जिनेश्वरसूरिकृत कथाकोषप्रकरण. ( प्रा० ) २५ धर्माभ्युदयमहाकाव्य. २६ जयसिंहरिकृत धर्मोपदेशमाला. (प्रा० ) २७ फोकलपरचित लीलावई कहा. (प्रा० ) २८ जिनदत्ताख्यानद्वय. ( प्रा० ) २९ स्वयंभूविरचित पउमचरिउ भाग १ ( अप० ) ३० २ ३१ सिद्धिचन्द्रकृत काव्यप्रकाशखण्डन. ३२ दामोदरपण्डित कृत उक्तिव्यक्तिप्रकरण. ३३ भिन्नभिन्न विद्वत्कृत कुमारपालचरित्रसंग्रह. ३४ जिनपालोपाध्यायरचित खरतरगच्छ बृहद्गुर्वावलि. ३५ उद्द्योतनसूरिकृत कुवलयमाला कहा. ( प्रा० ) ३६ गुणपालमुनिरचित जंबुचरियं. ( प्रा० ) ३७ पूर्वाचार्यविरचित जयपायड - निमित्तशास्त्र. (प्रा० ) २८ धनसारगणीकृतभर्तृकटीका. By Prof. P. K. Gode, M. A. (S. J. S. No. 37-38.) · ४ कीर्तिकौमुदी आदि वस्तुपालप्रशस्तिसंग्रह ५ गुणचन्द्रविरचित मंत्री कर्मचन्द्र वंशप्रबन्ध. ६ नयचन्द्रविरचित हम्मीर महाकाव्य. ७ महेन्द्रसूरिकृत नर्मदा सुन्दरीकथा. ( प्रा० ) ८ कौटिल्यकृत अर्थशास्त्र - सटीक ( कतिपय अंश ) "" "3 ९ गुणप्रभाचार्यकृत विनयसूत्र ( बौद्धशास्त्र ) १० भोजनृपतिरचित शृङ्गारम अरी. (संस्कृत कथा ) १५ रामचन्द्रकविरचित-मल्लिका मकरन्दादिनाटकसंग्रह. १२ तरुणप्राभाचार्यकृत षडावश्यकबालावबोधवृत्ति. १३ प्रद्युम्नसरिकृत मूलशुद्धिप्रकरण- सटीक १४ हेमचन्द्राचार्यकृत छन्दोऽनुशासन For Private & Personal Use Only १५] खयंभुकविरचित पउमचरिउ मा ३ १६ ठकुर फेरूरचित ग्रन्थावलि ( प्रा० ) www.jainelibrary.org

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