Book Title: Kuvalayamala Katha Sankshep
Author(s): Udyotansuri, Ratnaprabhvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai
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उज्जोयणसूरिविरइया कुवलय माला
॥ औं नमो वीतरागाय ॥ 6) पढम णमह जिर्णिदं जाए णीति जम्मि देवीमो। उब्वेलिर-बाहु-लया-रणंत-मणि-वलय-सालेहिं । पुरिस-कर-धरिय-कोमल-णलिणी-दल-जल-तरंग-रंगतं । णिवत्त-राय-मजण-बिंब जेणप्पणो विटे । पसि चिरं कुलहरे कला-कलाव-सहिया णरिंदेसु । धूय ब्व जस्स लच्छी मज वि य सयंवरा भमइ ॥ जेण कमो गुरु-गुरुणा गिरि-घर-गुरु-णियम-हण-समयस्मि । स-हरिस-हरि-वासद्धंत-भूसणो केस-पम्भारो॥ तक्-सविय-पाव-कलिणो णाणुप्पत्तीश जस्स सुर-णिवहा । संसार-णीर-णाई तरिय सि पणधिरे तुट्टा॥ जस्स य तित्थारंभे तियस-बहत्तण-विमुक्क-माहप्पा । कर-कमल-मउलि-सोहा चलणेसु णमंति सुर-बइणो ॥ तं पठम-पुहइ-पालं पढम-पवत्तिय-सुधम्म-वर-वक । णिव्वाण-गमण-इंदं पढमं पणमह मुणि-गणिदं ॥ महवा । उभिण्ण-चूय-मनरि-रय-मारुय-विलुलियबरा भणइ । माहव-सिरी स-हरिसं कोइल-कुल-मंजुलालावा ॥ महिणव-सिरीस-सामा आयंबिर-पाडलच्छि-जुयलिल्ला । दीहुण्ह-पवण-णीसास-णीसहा गिम्ह-सच्छी वि ॥ उण्णय-गल्य-पभोहर-मणोहरा सिहि-पुरंत-धम्मिल्ला । उडिभण्ण-णवंकुर-पुलय परिगया पाउस-सिरी वि॥ वियसिय-तामरस-मुही कुवलय-कलिया विलास-दिढिला । कोमल-मुणाल-वेल्लहल-बाहिया सरय-लग्छी वि। हेमंत-सिरी वि सरोद्ध-तिलय-लीणालि-सललियालइया । मल्लिय-परिमल-सुहया णिरंतरुभिण्ण-रोमंचा ॥
अणवरय-भमिर-महुयरि-पियंगु-मंजरि-कयावयंसिल्ला । विष्फुरिय-कुंद-वसणा सिसिर-सिरी सायरं भणइ ॥ 16 दे सुहय कुण पसायं पसीय एसेस अंजली तुज्म । णव-णीलुप्पल-सरिसाएँ देव विट्ठीऍ विणिएसु ॥
इय जो संगमयामर-कय-उउ-सिरि-राय-रहस-भणिो वि । झाणाहि णेय चलिभो तं वीरं णमह भत्तीए ॥बहवा ।
जाइ-अरा-मरणावत्त-खुत्त-सत्ताण जे दुहत्ताणं । भष-जलहि-तारण-सहे सब्वे चिय जिणवरे णमह ॥ सम्बहा, 8 बुज्झति जत्थ जीवा सिझति य के वि कम्म-मल-मुक्का । जं च णमियं जिणेहि वि ते नित्थं णमह भावेण ॥
६२) इह कोह-लोह-माण-माया-मय-मोह-महाणुस्थल्ल-मल्ल-णोलणावडण-चमढणा-भूत-हिययस्स जंतुणो तहा-संकिलिट्टपरिणामायास सेय-सलिल-संसग्ग-सग्ग-कम्म-पोग्मलुग्गजाय-षण-कसिण-फरक-पंकाशुलेखणा-नाल्य-भावस्स गुरु-कोह-पिंडस्स
The references 1), 2), etc. are to the numbers of the lines of the text, pat on both the wargids.
TOP G नमो after the symbol of bhala which looks like Devanagari ६०. 2) नमह, नचंति, , अमि, उम्बिहारवाहु, नालेहि.3)" विम्वं ) महिना, धूम. 5) गुरुगणणियमसमयंमि. -नियम, 'यमि, 'बस्त, 6)णाणप्पत्तीए नाणप्पत्ती. JP निवहा, JP-जीरनार. 8) पवित्तिय, न्याण निवाण.PK or rs, पदम for पणमह, Jom. अहवा. 9) उम्भित्र, Jचभ, J 'यम्बरा भमर । सहरिस वसंतलच्छी कोइल. 10) P भार्यवर
'न, नीसास- 11) धम्मेलन, Pउम्मिन्ननवं'. 12)वाहिया. 13) लीलालि, सललिभालामा, महिमा P निरंतरम्भिन्न. 14) महुअरि, पिअगु, 'रिअ-. 15) नवनील, दिट्रिए विमिपमु. 16) यऊसिरि,शाणाउ P नमह, Jom. अहवा. 17) Pणावत्तरिय(वित्त)स, दुइताण, ।' मधे विय, J चित्र, निमह, P अहवा for सम्बहा। repeats here दे मुहय कुण पसायं पसीय सेस अंजली तुज्झ. 18) J'झन्ति, P A for य, कम, कलि for मल
तं च नमि, नमह भत्तीए। 19) J-मढणा. 20) 'णाम खामख्व, पिण'.
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