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[दीक्षा का सामान गंदोधक और दही थोड़ा-सा, भस्म- 1 नारियल, कपूर 2 तोला, केशर 10 ग्राम, गोमय-थोड़ा-सा (जिसको इष्ट हो तो ये, नहीं तो नहीं), सुपारी 5 ठोस, नारियल की काचली अगर क्षुल्लक दीक्षा हो तो 11 और मुनि दीक्षा हो तो 13, चावल- 5 किलो, कपड़ा । गज, पीच्छी 1, कमण्डलु 1, पस्त्र 1, दूर्वा । अगर क्षल्लिका दीक्षा हो तो 16 हाथ की दो साड़ी, २॥ गज के दो दुपट्टा, अगर आर्यिका दीक्षा हो तो 16 हाथ को दो साड़ी । अगर क्षुल्लक दीक्षा हो तो दो लंगोटी रसदर (दुपट्टा) खंडवस्त्र व भोजन करने के लिए एक कटोरा, द्राक्षी सूखी 500 ग्राम, लोंग-50 ग्राम, इलायची-50 ग्राम, खारक500 ग्राम, खड़ी हल्दी-500 ग्राम, सुपारी-500 ग्राम ।
दीक्षामुहूर्तावलि मासः |चै. वै. श्रा. आश्वि. का. मार्ग. माघ. फा. एतन्मासे शुभम् नाधिमासे ।। नक्षत्रा: | आश्वि. रो. उ. 3 नि. रे. इनु. पुष्य, स्वाति. पुन पू. श्र. . श. एघुसत् । वासराः | सू. चं. बु. वृ. शु. एपापति भद्रादिदोपवर्जिते सदि प्रशस्तम् । तिथयः | २ । ३।५। ७ । १० । ११ । १२ । एतासु तिथिश्रेष्ठं कृष्णेवा वत्पञ्चमीसत् । शुद्धलग्न, २।३। ४५ ५। ६ । ५ ५९। १२ एतदरयाङ्गेषुचन्द्रतारानु कुलेसति शुभम् ।
लग्नात ३।६।११ एपुपापैः ।। ४।५।७।९।१०। एप भुशुभैश्चौत्तमम् । शनिश्च | अष्टप्यां संक्रान्ती रविचन्द्रोपरागेयोत्तम् । गुरुशक्रयोरुदये श्रेष्ठम् ।
लग्न
जघन्य चर
लान उत्तर स्थिर वृषभ
मध्यम द्विस्वभाव
मिथुन
मेष
कर्क
सिंह
कन्या
तुला
वृश्चिक
मकर
कुम्भ
इन लानों में दीक्षा कभी नहीं देना चाहिए जघन्य
स्थिर लग्न में दीक्षा देना
मीन इन 'लानों में दीक्षा
देना मध्यम
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