Book Title: Kriyasara
Author(s): Bhadrabahuswami, Surdev Sagar
Publisher: Sandip Shah Jaipur

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Page 87
________________ तिथ्यादि गुणन फल तिथि का नक्षत्र का यार का 16 गण करण का योग का 32 गुण तास का 60 गुण लग्न का 1 करोड़ गुणा चन्द्र का 100 करोड़ गुणा मासादि शुद्धाशुद्ध विचार (1) मास-सुख व भोग शुभ चन्द्र - अभीष्ट सिद्धि (2) तिथि- धन व ऐश्वर्य सुभ बार-सर्व सम्पत्ति प्राप्ति (3) नक्षत्र-कार्य सिद्धि शुभ मुहूर्त - चित्त प्रसन्न हो (4) करण • धन प्राप्ति शुभ लग्न-आनन्ददायी (5) योग इष्ट वस्तु प्राप्ति लग्नेश-पराक्रम वृद्धि बसी लग्न-सर्षगुणों का उदय कार्य हेतु ग्रह बल कार्य बल (1) विवाह व उत्सव - गुरु का (2) रजो दर्शन में -सूर्य का (3) संग्राम में -मंगल का (4) विद्याध्ययन में - बुध का (5) यात्रा में शुक्र का (6) दीक्षा में - शनि का |(7) सर्व कार्य में - चन्द्र का देखना चाहिए [किसके कौन बली तारा वली होने से शुभ चन्द्र बलो होता है चन्द्र बली होने से सूर्य बली होता है सूर्य बली होने से मंगलादि सर्व ग्रह वली होते है IPAL 91 TRARIBIRRIER बल कार्य HIMALANIKITALLLL

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