Book Title: Khavag Sedhi
Author(s): Premsuri
Publisher: Bharatiya Prachyatattva Prakashan Samiti

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Page 10
________________ [ खवगसेढी वि. सं. २०१६तमवर्षस्य माधवमासस्य शुक्लचतुर्थ्यां सिद्धान्तमहोदधिगच्छाधिपति श्रीमद्विजयप्रेमसूरीश्वरप्रतिष्ठापित-श्रीपिन्ड बाडानगरपार्श्व वर्तिसिरोही रोड (स्टेशन) स्थितजिनप्रासादविभूषक-नमिनाथजिनेन्द्र - विम्बप्रतिबिम्बम् श्रीमहावीर स्वामी श्रीचन्द्रप्रभस्वामी कर्मेन्धनं ज्वलितमाशु जिनेन येन, ध्यानानलेन समत्रापि शिवं च येन । यज्जापसिंहनदनेन पलायते च कर्म द्विपोऽनवरतं स नमिर्न ईष्टाम् ॥ १ ॥ तद्विम्बदर्शनात् सर्वो लोकः सम्यक्त्वमश्नुताम् । क्षपकश्रेणिमारुह्य सम्प्राप्नोतु शिवश्रियम् ॥ २ ॥ श्रीमा Jain Education International 限 BPP For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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