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प्रस्तावना
मार्यमहागिरि
भार्यबहुल
भार्यबलिस्सह (अंगविद्याशाखना कर्ता)
भार्यस्वाति (तत्त्वार्थसूत्रना कर्ता)
भार्यश्यामाचार्य (पन्नवणासूत्रना कर्ता)
आर्यशांडिल्याचार्य
भार्य जीतधर
आर्यसमुद्र
आर्यमंगु
आर्यनंदिल
आर्यनागहस्ती
आर्यरेवतिनक्षत्र
आयसिंह
आर्य मधुमित्र
आर्यस्कंदिल
आर्यगंधहस्ती
विक्रमार्क १५३मां वर्षे दुकाल तत्त्वार्थसूत्रपर ८० हजार श्लोकप्रमाण महाभाष्य
पछी निर्ग्रन्थोने एकठा करी ११ रच्यु तथा विक्रमार्क २०० पछी आचारांगादिनु विवरण कयु. अंगोने संकलित कर्या.
वळी हिमवंतरावलिमां आर्यबलिस्सहे, आर्यस्वातिए अने आर्यश्यामाचार्ये उपरोक्त ग्रन्थोनी रचना खारवेल राजानी विनंतिथी करी होवानुजणाव्युछे अने खारवेलनो राज्यकाल पण वीरसंवत ३०० थी ३३० सुधीनो बताव्यो छे, एटले उपरोक्त त्रणे आचार्योनु ते काले अस्तित्व होय एम जणाय छे. वळी अन्य पट्टावलीओमां पण वीर संवत ३७६मां श्यामाचार्य काल करी गयानो उल्लेख छ "तच्छिष्यः श्यामाचार्यः प्रज्ञापनाकृत् श्रीवीरात् षट्सप्तत्यधिकशतत्रये स्वर्गभाक्' । श्यामाचार्य अने आर्यमंगु बच्चे के आचार्यो आवी गया अटले आर्यमंगुनो निर्वाण काल पण वीर संवत ४६७ लगभगनो संगत थाय छे. आर्यमंगु पछी वळी चार
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