Book Title: Kavivar Bulakhichand Bulakidas Evan Hemraj Author(s): Kasturchand Kasliwal Publisher: Mahavir Granth Academy Jaipur View full book textPage 5
________________ 'राजस्थानी भाषा प्रचार सभा के निदेशक है । प्रापने प्रस्तुत भाग पर जो महत्वपूर्ण संपादकीयं लिखा है वह प्रापकी गहन विद्वता का परिचायक है। डा. हरीन्द्र भूषण भी जैन साहित्य के शीर्षस्थ विद्वान् हैं तथा कितने ही पुस्तकों के लेखक है । विक्रम विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के रीडर पद से अभी अभी रिटायर हुए हैं। प्रकावमी लिये के पाप विशेष प्रेरणा स्रोत हैं 1 श्रीमती शशिकला बाकलीवाल जयपुर उदीयमान विदुषी है । हम तीनों के प्रति अत्यधिक आभारी हैं। विशेष प्रामार वैसे तो हम पूरे समाज के प्रामारी है जिसमें मंगल प्रशीर्वाद से अकादमी अपनी साहित्यिक योजना में सस्त मागे बढ़ रही है । विशेषत: पूज्य शुस्लकरत्न श्री सिद्ध सागर जी महाराज लाउनु वाले, पं. भमूपचन्दजी न्यायतीर्थ जयपुर, ६. श्री कपिल कोसिस हिसार के भी मानारी जिनका अकादमी को पूर्ण प्रशीर्वाद एवं सहयोग मिलता रहता है । ६६७ अमृत कलश बरमत कालोनी, किसान मागं डा. कस्तुर चन्द कासलीवाल टोंक फाटक, जयपुर-६.२०१५ निदेशक एवं प्रधान संपादकPage Navigation
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