Book Title: Kartikeyanupreksha
Author(s): Kartikeya Swami, Mahendrakumar Patni
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 2
________________ भगवान श्री कुन्दकुन्द कहान जैन शास्त्रमाला पुष्प नं० १४२ श्री स्वामी कार्तिकेय विरचित श्री कार्तिकेयानुप्रेक्षा पं० जयचन्दजी छाबड़ा कृत ढूंढारी भाषा टोका से हिन्दी रूपान्तरकार, सम्पादक एवं अन्वयार्थ लेखकपण्डित महेन्द्रकुमार पाटनी, काव्यतीर्थ मदनगंज-किशनगढ़ (राज.) प्रकाशक :श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट सोनगढ़ ( सौराष्ट्र) मूल्य : ६)५० रुपये Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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