Book Title: Kalyansadhan Digdarshan
Author(s): Nyayavijay
Publisher: Jain Pustakalay

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Page 86
________________ मुनिमहाराज श्रीन्यायविजयजीना बहार पडेला संस्कृत-प्राकृत-गुजराती-हिन्दी-अंग्रेजी ग्रन्थो. १ महेन्द्र स्वर्गारोहः २ न्यायतीर्थप्रकरणम् ३ न्यायकुसुमाञ्जलिः ४ धर्म-शिक्षा (हिन्दी) ५ न्याय-शिक्षा, ६ प्रमाण-परिभाषा-वृत्तिः न्यायालंकारः ७ जैनदर्शन ८ अध्यात्मतत्त्वालोकः ९ सन्देशः १० धर्मगीताञ्जलि (हिन्दी) ११ बीरधर्मको डंडेरो १२ , दुनरुद्धार १३ वीर-विभूतिः, अंग्रेजोलह १४ दीक्षा-मीमांला १५ अयोग्य दीक्षा सामे १६ दीक्षा-शास्त्र १७ दीक्षाधिकार द्वात्रिंशिका । १८ मानव-धर्म १९ विचारसंस्कृति २० दीनाक्रन्दनम्, अंग्रेजीसह २१ स्त्रीजीवननी विकासदिशा २२ श्री महावीर ६३ भगवान् महावीरन जीवनप्रभुत्व २४ आपणी उन्नतिनो मार्ग २५ आत्मभावदिग्दर्शन ६६ अनेकान्तविभूतिः २७ जीवन-हितम् , अंग्रेजीसह २८ जीवनामृतम्, २९ मुंबईतुं चतुर्माल ३० जैनसिद्धान्तदिग्दर्शन (हिन्दी) ३१ अज्झत्ततत्तालोओअंग्रेजीसह ३२ महात्म-विभूतिः २३ जोवनपाठोपनिषत् २४ जीवनभूमिः ३९ करयाणसाधन-दिग्दर्शन Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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