Book Title: Jinraj Bhakti Adarsh
Author(s): Danmal Shankardan Nahta
Publisher: Danmal Shankardan Nahta

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Page 125
________________ ३ कचरा साफ कर लेनेके पश्चात कुंडियां जल रखनेकी हांड़ियाँ कलश, रकैबी, वाटकी, आदि पूजाके उपयोगमें आनेवाली वस्तुओंको पोंछकर, साफ कर धो लेना चाहिये और उन्हें योग्य स्थानमें रख देना चाहिये। ४ एकत्रित किया हुआ कचरा ज्यों त्यों नहीं फेंक कर किसी योग्य स्थानमें जहां जीव रक्षा हो सके ऐसी जगह गिराना चाहिये। ५ इसके बाद दीपक, लालटेन, धूपदान, दीये आदिमें से वासी दीपक, घी, बत्ती, रात्र आदि निकाल कर इनको साफ करना चाहिये। जो वस्तुयें जलसे नहीं मांजी जा सकतो उन्हें कपड़ेसे पोंछकर साफ करना चाहिये और देहरासर मङ्गलिक करते समय भी इन वस्तुओं को साफ कर रखना चाहिये। ६ इसके बाद गर्भगृहके आगे रहा हुआ धूपदान एवं रङ्गमण्डपमें रहे हुए पट्टे वगैरह किसीके पैरों में न आवे ऐसी योग्य जगह रख देना चाहिये। Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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