Book Title: Jinraj Bhakti Adarsh
Author(s): Danmal Shankardan Nahta
Publisher: Danmal Shankardan Nahta

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Page 128
________________ ( ११६ ) धोने के बाद या पहिले कभी भी नोचे जमीन पर नहीं रखना चाहिये, पर किसी उंचे स्थानमें अथवा पात्रमें रखना चाहिये एवं अपने शरीर अथवा कपड़ेसे नहीं अड़ने देना चाहिये। इन को धोयो हुआ जल किलो खाल वा दोवारमें नहीं गिराकर मन्दिरजी के बाहर जल्दी सूख जाय ऐसी निर्जीव भूमि में छूटा छूटा गिराना चाहिये। ___ १२ स्नात्रजलमें से बरग, पुष्प, चावलादि जो वस्तु निकाली जा सकती है उनको निकाल कर एवं एक अङ्गालहण से स्नात्र जल को छान कर बादमें किसी योग्य स्थानमें छूटा छुटा गिराना चाहिए, जिससे अन्दर त्रस जीवोंकी एवं वनस्पतिकी उत्पत्ति नहीं होने पावे. क्योंकि उस जलको इकट्ठा कर रोज २ एकही जगह गिरानेसे वहां उस स्थान पर जीवोत्पत्ति एवं वनस्पति पैदा हो जाती है। यह भी ध्यानमें रखना चाहिए कि जिस जगह स्नात्रजल गिराया Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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