Book Title: Jinraj Bhakti Adarsh
Author(s): Danmal Shankardan Nahta
Publisher: Danmal Shankardan Nahta

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Page 127
________________ १ केशर घिसने वगैरह की जगह पर जल, केशर घी अगरबत्ती, दियासलाई रूई आदि वस्तुओंको अपनी जगहपर हर समय खयाल करके पहिले ही से रख देना चाहिये, क्योंकि इनमेंसे कोई वस्तु किसी समय हाजिर न हो तो कितने ही भाई इनके विना ही आलस्य और जल्दीमें काम चला लेते हैं, किन्तु ऐसा करना उचित नहीं। इन वस्तुओंके पात्रोंको भी अच्छी तरहसे ढक देना चाहिये ताकि जीव जन्तु एवं कचरा इनमें पड़े नहीं। १० विना स्नान किये गर्भगृहमें कदापि प्रवेश नहीं करना चाहिये, यदि किसी वस्तुकी आवश्यकता हो तो पूजारी अथवा पूजा करने वाले श्रावक से मंगा लेना चाहिये। ____११ अङ्गलुहणोंको एवं पाटलुहणों को सर्व गर्भगृहोंमें पूजा हो जानेके पश्चात् ऐसे स्थानमें रखना चाहिये जहां सूखनेके वाद नरम रहें एवं किसी वस्तुसे भड़े नहीं। और इनको Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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