Book Title: Jinopasna
Author(s): Dhirajlal Tokarshi Shah
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ जिनोपासना श्री वर्द्धमान (महावीर) स्वामी Po kala 0000000 नमः । वीर : सर्व सुरा सुरेन्द्र महितो, वीरं बुधाः संश्रिता:, वीरेणाभिहतः स्वकर्मनिचयो, वीराय नित्यं वीरात्तीर्थमिदं प्रवृत्तमतुलं, वीरस्य घोरं वीरे श्री घुतिकीर्ति कांति निचय : श्री वीर भद्रं दिश || १|| तपो, ७७

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 576