Book Title: Jeevvichar Navtattva Author(s): Hiralal Duggad Jain Publisher: Ashapuran Parshwanath Jain Gyanbhandar View full book textPage 2
________________ ॥ श्री सुधर्मास्वामीने नमः ॥ अहो ! श्रुतम् - स्वाध्याय संग्रह [१] ...................... जीवविचार-नवतत्त्व [गाथा और अर्थ] -: कर्ता :जीवविचार-कर्ता : वादिवेतालश्री शान्तिसूरिजी नवतत्व-कर्ता : चिरंतनाचार्य (पूर्वाचार्य) अनुवादकार : पंडित हीरालाल दुगड जैन -: संकलन :श्रुतोपासक -: प्रकाशक :श्री आशापूरण पार्श्वनाथ जैन ज्ञानभंडार शा. वीमळाबेन सरेमल जवेरचंदजी बेडावाळा भवन हीराजैन सोसायटी, साबरमती, अहमदाबाद-३८०००५ फोन : २२१३२५४३, ९४२६५८५९०४ E-mail : ahoshrut.bs@gmail.comPage Navigation
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