Book Title: Jainology Parichaya 04
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 29
________________ पुरुष प्रथम पुरुष द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष २) अम्हे दुद्धं पीविंसु । हमने दूध पीया । ३) तुमं कत्थ उवविसित्था ? तू कहाँ बैठी थी ? निम्नलिखित प्राकृत वाक्यों का क्रियापद, पुरुष और वचन पहचानिए । १) अहं मोरस्स चित्तं पासित्था । मैंने मोर का चित्र देखा । उदा. क्रियापद 'पास' - प्रथमपुरुष, एकवचन ४) तुम्हे किं सिक्खिसु ? तुमने क्या सीखा ? ५) सो रुक्खाओ पडित्था | वह झाड से गिरा । ६) ते वणं गच्छिंसु । वे वन में गये । ७) रावणो तवं करित्था | रावणने तप किया । ८) अम्हे उवस्सए धम्मं सुणिंसु । हमने उपाश्रय में धर्म सुना । सर्वनामसहित भूतकाल के क्रियापद क्रियापद : पास (देखना) ९) रयणं समुद्दम्मि पडित्था । रत्न समुद्र में गिर गया । एकवचन (अहं) पासित्था । (मैंने देखा ।) (तु) पासित्था । (तूने / तुमने देखा ।) (सा) पासित्था । (उसने देखा ।) अनेकवचन (अम्हे) पासिंसु । (हमने देखा । ) (तुम्हे) पासिंसु । (तुमने/सबने देखा ।) (ते) पासिं । (उन्होंने देखा । )

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