Book Title: Jainology Parichaya 04
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

View full book text
Previous | Next

Page 40
________________ प्राकृत तद्भव शब्द खज्जूर संस्कृत शब्द खजूर गज गय हिंदी अर्थ खजूर हाथी पसीना चाक, पहिया गुस्सा घम्म चक्क छोह चक्र क्षोभ जक्ख यक्ष यक्ष झाण ध्यान ध्यान डंस दंश दश नाथ णाह तियस दिट्ठ नाथ त्रिदश दृष्ट धम्मि पच्छा धार्मिक पश्चात् देखा हुआ धार्मिक पीछे स्पर्श फंस स्पर्श बोर बेर भारिया मेह पत्नी मेघ, बादल अरण्य रण लेस बदर भार्या मेघ अरण्य लेश शेष हृदय भवति पिबति अंश सेस हियय हवइ पियइ/पिवइ पुच्छइ होहिइ बाकी हृदय होता है। पीता है। पूछता है। होगा। पृच्छति भविष्यति ३) देशी या देश्य शब्द : प्राकृत देशी शब्द इराव हिंदी अर्थ हाथी उदुर ऊसअ कंदोट्ट कोड्ड खिडक्किया गोस घढ चंग चूहा (मराठी - उंदीर) उपधान, तकिया कमल कुतूहल (मराठी - कोड-कौतुक) खिडकी, झरोखा सुबह गढ, स्तूप अच्छा (मराठी - चांगला)

Loading...

Page Navigation
1 ... 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47