Book Title: Jainology Parichaya 04
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 44
________________ ८. प्राकृत-गद्य-पाठ (अ) पढमो पाढो अवि तुम जाणसि ? (क्या तुम जानते हो ?) १. कस्स जंतुणो मुहे जीहा न होइ ? (किस प्राणी के मुख में जीभ नहीं होती ?) मगरस्स मुहे जीहा न होइ । (मगरमच्छ के मुख में जीभ नहीं होती ।) २. को नेत्तेहिं सुणइ ? (कौन आँखों से सुनता है ?) भुयंगमो नेत्तेहिं सुणइ । (नाग आँखों से सुनता है ।) ३. को विहंगो दूराओ वि सुठ्ठ पासइ । (कौनसा पक्षी दूर से भी अच्छी तरह से देखता है ?) गिद्धो दूराओ वि सुठ्ठ पासइ । (गीध दूर से भी अच्छी तरह से देखता है ।) ४. का अप्पणो अवच्चं भक्खइ ? (कौन खुद के अपत्य को खाती है ?) मज्जारी अप्पणो अवच्चं भक्खइ । (बिल्ली खुद के अपत्य को खाती है।) ५. को पक्खी सप्पमवि भुंजिऊण जीवइ ? (कौनसा पक्षी साँप को खाकर भी जीवित रहता है ?) मोरो सप्पमवि भुंजिऊण जीवइ । (मोर साँप को खाकर भी जीवित रहता है ।) ६. को जंतू पुफ्फाणं सारं घेत्तूण परस्स देइ ? (कौनसा कीटक फूलों का रस (सार) लेकर दूसरों को सा है ?) महु-मक्खिया पुफ्फाणं सारं घेत्तूण परस्स देइ । (मक्षुमक्षिका फूलों का रस लेकर दूसरों को देती है ।) ७. को पक्खी परपुट्ठो' त्ति पसिद्धो ? (कौनसा पक्षी ‘परपुष्ट' (दूसरों के द्वारा पोषित) नाम से प्रसिद्ध है ?) कोइलो ‘परपुट्ठो' त्ति पसिद्धो । (कोयल ‘परपुष्ट' नाम से प्रसिद्ध है।) ८. को खगो दिणे न पासइ ? (कौनसा पक्षी दिन में नहीं देख सकता ?) उलूओ दिणे न पासइ । (उल्लू दिन में नहीं देख सकता ।) ९. को नरो अंधो ? (कौनसा व्यक्ति अंधा होता है ?) जो नरो इयराणं गुणे न पासइ सो अंधो । (जो व्यक्ति इतरों के गुण नहीं देखता, वह अंधा है।) १०. कम्मि विसए अम्हे बहिरा होमो ? (कौनसे विषय में हमें बधिर होना चाहिए ?) अम्हाणं पसंसा-विसए अम्हे बहिरा होमो । (हमारी प्रशंसा के बारे में हमें बधिर होना चाहिए ।) टीप : परीक्षा में इस पाठ के एक-दो प्रश्न प्राकृत में पूछे जायेंगे । उनके जवाब विद्यार्थी प्राकृत में लिखें

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