________________
पुरुष
प्रथम पुरुष द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष
विध्यर्थ के प्रत्यय एकवचन एज्जा, एज्जामि एज्जा, एज्जासि, एज्जाहि ए, एज्जा
अनेकवचन एज्जाम एज्जाह एज्जा
पुरुष
विध्यर्थ धातु (क्रियापद) : गच्छ (जाना) एकवचन
अनेकवचन गच्छेज्जा, गच्छेज्जामि
गच्छेज्जाम गच्छेज्जा, गच्छेज्जासि, गच्छेज्जाहि गच्छेज्जाह गच्छे, गच्छेज्जा
गच्छेज्जा
प्रथम पुरुष द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष
पुरुष
प्रथम पुरुष
सर्वनामसहित विध्यर्थ के क्रियारूप
क्रियापद : भक्ख (खाना) एकवचन
अनेकवचन (अहं) भक्खेज्जा, भक्खेज्जामि ।
(अम्हे) भक्खेज्जाम । (मैं खाऊँ ।)
(हम खायें ।) (तुम) भक्खेज्जा/भक्खेज्जासि/भक्खेज्जाहि । (तुम्हे) भक्खेज्जाह । (तुम खाओगे ।)
(तुम सब खाओगे ।) (सो) भक्खे/भक्खेज्जा।
(ते) भक्खेज्जा । (वह खाये ।)
(वे खायें ।)
द्वितीय पुरुष
तृतीय पुरुष
कुछ प्राकृत क्रियापद (धातु) और उनके विध्यर्थक वाक्य
१) अहं सयंनिब्भरं होज्जामि/होज्जा ।
मैं स्वयंनिर्भर होऊँ ।
२) अम्हे धम्मस्स पहावणं करेज्जाम ।
हम धर्म की प्रभावना करें ।
३) वट्ट - रहना ।
तुमं विणएण वट्टेजा/वट्टेज्जासि/वट्टेजाहि । तुम को विनय से रहना चाहिए ।
४) कर - करना ।
तुम्हे अज्झयणं करेज्जाह । तुम सबको अध्ययन करना चाहिए ।