Book Title: Jainology Parichaya 04
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 33
________________ आज्ञार्थ के प्रत्यय पुरुष एकवचन अनेकवचन F प्रथम पुरुष द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष 4 | 64 -, सु, हि अत् पुरुष आज्ञार्थ धातु (क्रियापद) : गच्छ (जाना) एकवचन अनेकवचन गच्छामु गच्छामो गच्छ, गच्छसु, गच्छाहि गच्छह गच्छउ गच्छंतु प्रथम पुरुष द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष पुरुष प्रथम पुरुष सर्वनामसहित आज्ञार्थ के क्रियारूप क्रियापद : भक्ख (खाना) एकवचन अनेकवचन (अहं) भक्खामु । (अम्हे) भक्खामो । (मैं खाऊँ ।) (हम खायें ।) (तुम) भक्ख/भक्खसु/भक्खाहि । (तुम्हे) भक्खह। (तुम खाओ ।) (तुम सब खाओ ।) (सो) भक्खउ । (ते) भक्खंतु । (वह खाये ।) (वे खायें ।) द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष कुछ प्राकृत क्रियापदों के आज्ञार्थी वाक्य १) वय - बोलना । अहं सच्चं वयाम । मैं सच बोलूँ । २) वस - रहना । अम्हे सुहेण वसामो । हम सुखपूर्वक रहें। ३) जिण - जीतना । तुम लोहं जिण/जिणसु/जिणाहि । तुम लोभ को जीतो।

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