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vili ]
१७८
१७६
१०६
शंका २ के पहले दौर की समीक्षा का समाधान १५० कथन १७ का ममाधान अन्य कथन का समाधान शान
१५१ (८) शंका ३ के पहले दौर की समीक्षा का (६) शंका २ फे दूसरे दौर की समीक्षा का समाधान समाधान
निश्चयधर्म
१८० शंकाकार के विविध कथनों का समाधान १५१ व्यवहारधर्म के विषय में स्पष्टीकरण १८१ (७) शंका २ के तीसरे दौर की समीक्षा फा
व्यवहारधर्म और दया
१५२ समाधान
१२५ (६) शंका ३ के दूसरे दौर की समीक्षा का कथन १ का खुलासा १५५ समाधान
१५४ कथन २ का खुलासा
१५८ (१०) शंका ३ के तीसरे दौर की समीक्षा फा कथन ३ का खुलासा १५६ समाधान
१८६ कथन ४ का समाधान
१६० प्रतिशंकाओं का समाधान
१८७ कथन ५ का समाधान
तीसरे दौर की कई शंकाओं का पुनः समाधान १८६ कथन ६ का समाधान
चतुर्थ दौर की प्रतिशंका 4 का समाधान १६६ फथन ७ का समाधान
रत्नकरण्डश्रावकाचार
२०० कथन ८ का समाधान १६४ साध्य-साधकभाव
२०० कथन ६ का समाधान
१६५ निश्चयधर्म
२०१ कथन १०का समाधान १६५ व्यवहारधर्म
२०२ कथन ११ का समाधान
१६६ (११) शंफा ४ के पहले दौर की समीक्षा फा कवन १२ का समाधान
समाधान विज्ञेषुकिमधिकम् १६७ उत्तरपक्ष के कथन का सार
२०२ कथन १३ का समाधान
१६८
(१२) शंफा ४ के दूसरे दौर फो समीक्षा का कारण-कार्यमात्र का विशेष खुलासा १७१ समाधान
२०४ कथन १४ का समाधान
१७६ (१३) शंका ४ के तीसरे दौर की समीक्षा का कथन १५ का समाधान १७७ समाधान
२०७ कथन १६ का समाधान १७८ व्यवहारधर्म और निश्चयधर्म
२०७
१६७