Book Title: Jain Tattva Darshan Part 03 Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai Publisher: Vardhaman Jain Mandal ChennaiPage 25
________________ 12. विनय विवेक © अक्षर वाले कपड़े नहीं पहनने। © कागज पर बैठना एवं खाना नहीं। © गुरु का अविनय नहीं करना। © खाते-खाते नहीं बोलना। © ज्ञानद्रव्य का भक्षण नहीं करना। © ज्ञान के उपकरण पेन, पेंसिल, मुँह में नहीं डालना। © थूक से अक्षर नहीं मिटाना। © ज्ञान के उपकरण को जेब में रखकर भोजन नहीं करना। © ज्ञानी एवं गुणी व्यक्ति से द्वेष नहीं करना। © किसी के पढने में अंतराय नहीं करना। सामान्य प्रश्नोत्तरी 1. हम कौन हैं? हम जाति से आर्य हैं और धर्म से जैन हैं। 2. पंच परमेष्ठि किसे कहते हैं? परम स्थान पर विराजमान ऐसे अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय एवं साधु ये पंच परमेष्ठि हैं। 3. अभी किसका शासन चल रहा है? अब चरम तीर्थपति चौबीसवें भगवान श्री महावीर प्रभु का शासन चल रहा है। 4. मंदिर में प्रवेश करते समय क्या बोलना चाहिये मंदिर में प्रवेश करते समय तीन बार 'निसीहि' बोलना चाहिये । 5. भगवान तथा ध्वजा को देखकर क्या बोलना चाहिये? भगवान तथा ध्वजा को देखते ही दोनों हाथ जोड़कर 'नमो जिणाणं' बोलना चाहिये। 6. रास्ते में महाराज साहब मिलते हैं तो क्या बोलना चाहिये? दोनों हाथ जोड़कर मस्तक झुकाकर 'मत्थएण वंदामि' बोलना चाहिये। 23Page Navigation
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