Book Title: Jain Tattva Darshan Part 03 Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai Publisher: Vardhaman Jain Mandal ChennaiPage 30
________________ दूसरों को दान देने से नहीं रोकना । दूसरों के सुख से ईर्ष्या नहीं करना । किसी को बंगला मिलता है। किसी को कपडे मिलते हैं। C. दानधर्म कोई तपश्चर्या करता है। कोई भक्ति करता है । उसमें तुम रुकावट मत करो । किसी को खाना मिलता है । किसी को रुपये मिलते हैं । 28 कोई सेवा कार्य करता है । कोई व्रत - प्रतिज्ञा - नियम लेता है। उसमें तुम बाधा मत डालो ।Page Navigation
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