Book Title: Jain Tattva Darshan Part 03
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

Previous | Next

Page 32
________________ शील यानी स्वभाव तुम अपने स्वभाव को प्रेमभरा, स्नेहभरा बनाना । तुम अपने स्वभाव को उदार और सहनशील बनाना । शील यानी सादगी D. शीलधर्म शरीर की ज्यादा साज-सज्जा नहीं करना । कपड़ों की ज्यादा साज-सज्जा नहीं करना । शील यानी सभ्यता सभ्यता से बोलो, सभ्यता से चलो। सभ्यता से बैठो, सभ्यता से खड़े रहो । 30

Loading...

Page Navigation
1 ... 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60