Book Title: Jain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Author(s): Digambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
Publisher: Digambar Jain Mumukshu Mandal

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Page 297
________________ 11 ) प्र० ६५-आत्मा आख से दिखाई देता है या नहीं? उत्तर-आत्मा आँख से नही दिखाई देता है। प्र० ६६-आत्मा किससे दिखाई देता है ? उत्तर-आत्मा ज्ञान से दिखाई देता है। प्र० ६७-तुम्हे किसका दर्शन करना है ? उत्तर-मुझे प्रभु का दर्शन करना है। मुझे आत्मा का दर्शन करना है ।। प्र० ६८-तुम्हे किसकी सेवा करनी है ? उत्तर-मुझे ज्ञानी की सेवा करनी है । प्र० ६६-तुम्हे क्या करना अच्छा लगता है ? उत्तर-मुझे सच्ची समझ करना, शास्त्र का पठन करना, सच्चा वैराग्य करना, मुनि का सग करना और मोक्ष मे जाना अच्छा लगता प्र० १००-तुझे किससे छूटना है ? उत्तर-मुझे मोह से छूटना है। प्र० १०१-तुम्हे झट-पट कहाँ जाना है ? उत्तर-मुझे झट-पट मोक्ष मे जाना है। प्र० १०२-पाठ १६ मे जैन झण्डे में चार वाक्य लिखे है वे कौन से है ? उत्तर-(१) वत्थु सहावो धम्मो। (२) दसण मूलो धम्मो। (३) अहिसा परमो धर्म । (४) जैन जयतु शासनम् । प्र० १०३–'वीर प्रभू की हम सतान' यह गील सुनाओ ?

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