Book Title: Jain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Author(s): Digambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
Publisher: Digambar Jain Mumukshu Mandal
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( 17 ) प्र० १३६-चन्द्र, कल्पवृक्ष, गेंडा और सिंह के चिन्ह से कौन से तीर्थंकर पहिचान में आते है ?
उत्तर-चन्द्र से आठवे चन्द्र प्रभ, कल्पवृक्ष से दशवे शीतल नाथ, गेडा से ग्यारहवे त्रेयासनाथ, और सिह से चौबीसवे महावीर पहिचान मे आते है।
प्र० १३७-अपने तीर्थंकरो का जीवन कैसा होता है ?
उत्तर-अपने सभी तीर्थकरो का जीवन वीतरागी होता है जो बहुत ऊँचा जीवन है।
प्र० १३८-ऊ चा जीवन कैसा होता है ? उत्तर-ऊँचा जीवन वीतरागी होता है। प्र० १३६-धर्म की भावना किससे जागृत होती है ? उत्तर-धर्म की भावना तीर्थकरो के जीवन चरित्र पढने से होती
प्र० १४०-आत्मा किस लक्षण से जाना जाता है ? उत्तर-आत्मा चैतन्य लक्षण से जाना जाता है।
प्र० १४१-तीर्थंकर भगवान के द्वारा बताया हुआ धर्म आज भी अपने को कौन समझाते है ?
उत्तर-तीर्थकर भगवान के द्वारा बताया हुआ धर्म आज भी अपने को ज्ञानी-धर्मात्मा समझाते है।
प्र० १४२-चौबीस तीर्थकर किस देश में जन्में ? उत्तर-सभी तीर्थकर भगवन्तो का जन्म भारत देश में ही होता
है।
प्र० १४३-ऋषभ देव के आत्मा ने सम्यक्त्व कब प्राप्त किया ?
उत्तर-ऋषभ देव का जीव जब आहार दान के फल से भोग भूमि मे मनुष्य हुआ तब एक बार आकाशगामी प्रीतिकर नामक

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