Book Title: Jain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Author(s): Digambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
Publisher: Digambar Jain Mumukshu Mandal

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Page 301
________________ ( 15 ) नामकर्म नाम का महा पुण्य का उदय होता है उन्हे तीर्थकर कहते है । प्र० १२५ - भरत चक्रवर्ती किसके ? थे पुत्र उत्तर - भरत चक्रवर्ती राजा ऋषभ देव के प्र० १२६ - ऋषभ देव तीर्थकर कहाँ जन्मे ? पुत्र उत्तर - ऋषभदेव तीर्थकर अयोध्या नगरी में जन्मे थे ? प्र० १२७ - अयोध्या अपना तीर्थ है वह किसलिए ? उत्तर - तीर्थकर होने वाले बालक ऋषभ का जन्म अयोध्या मे हुआ था इसलिए अयोध्या हमारा महान तीर्थ है ? प्र० १२८ - राजगृही में विपुलाचल पर धर्म का उपदेश किसने दिया ? थे । उत्तर - राजगृही मे विपुलाचल पर धर्म का उपदेश भगवान महावीर ने दिया था । प्र० १२६ - तीर्थकर भगवान ने कौनसा मार्ग दिखाया ? उत्तर - तीर्थकर भगवान ने मोक्ष का मार्ग दिखाया है । प्र० १३० - मोक्ष का मार्ग क्या है ? उत्तर-- अपने आत्मा को पहिचान कर सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र को प्रकट करन' ही मोक्ष का मार्ग है । प्र० १३१ - जैन धर्म क्या है ? उत्तर- अपने आत्मा को पहिचान कर सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र को प्रगट करना ही मोक्ष का मार्ग है उसी को जैन धर्म कहते है । प्र० १३२ - राग को जैन धर्म कहते है या वीतराग भाव को ? उत्तर- वीत राग भाव को जैन धर्म कहते है । प्र० १३३ - चौबीस तीर्थकरों के नाम बोलो ? उत्तर- १- ऋषभ देव २- अजीत नाथ ३. सभव नाथ ४- अभिनन्दन

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