Book Title: Jain Siddhant Pravesh Ratnamala 06
Author(s): Digambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
Publisher: Digambar Jain Mumukshu Mandal

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Page 282
________________ ( 286 ) उत्तर-२८ प्रश्नोत्तर के अनुसार उत्तर दो। प्रश्न ३२-तीन प्रकार निश्चय-व्यवहार को सामायिक पर लगाकर बताओ? उत्तर-२८ प्रश्नोत्तर के अनुसार उत्तर दो। प्रश्न ३३-तीन प्रकार के निश्चय-व्यवहार को देव-गुरु-शास्त्र की भक्ति पर लगाकर बताओ? उत्तर-२८ प्रश्नोत्तर के अनुसार उत्तर दो, प्रश्न ३४-तीन प्रकार के निश्चय-व्यवहार को क्षुधा परिषहजय पर लगाकर बताओ? उत्तर-२८ प्रश्नोत्तर के अनुसार उत्तर दो। -इति उभयाभासी प्रकरण समाप्त पॉच लब्धियों का स्वरूप प्रश्न १-पांच लब्धियों के क्या नाम हैं ? उत्तर-क्षयोपशम, विशुद्धि, देशना, प्रायोग्य, करण ये पाँच नाम हैं। प्रश्न २-क्षायोपशम लब्धि क्या है ? उत्तर-जिसके होने पर तत्व विचार हो सके-ऐसा ज्ञानावरणीय का क्षयोपशम हो; उसकी प्राप्ति सो क्षयोपशम लब्धि है। प्रश्न ३-क्षयोपशम लब्धि में उपादान-निमित्त क्या है ? उत्तर-क्षयोपशम भाव उपादान कारण है और उसके योग्य ज्ञानावरणीय कर्म का क्षयोपशम निमित्त है। प्रश्न ४-प्रयोजनभूत जीवादि तत्वो का श्रद्धान करने योग्य

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